Do Androids Dream of Electric Sheep

Dystopia, Novel by Philip K. Dick

Blurb

डू ऍन्ड्रॉइड्स ड्रीम ऑफ़ इलॅक्ट्रिक शीप? एक विज्ञान गल्प उपन्यास है। इसे अमरीकी लेखक फिलिप के. डिक ने लिखा तथा 1968 में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ। इसकी मुख्य पटकथा रिक डेकार्ट पर आधारित है, जो ऍन्ड्रॉइडों का एक व्यावसायिक शिकारी है। इसकी द्वितीयक पटकथा जॉन इसिडोर पर आधारित है, जो कम औसत बुद्धि का व्यक्ति है और जो कि कुछ ऍन्ड्रॉइडों को मित्र भी बना लेता है।
यह उपन्यास महाविनाश के बाद का काल दिखाता है। इस समय पृथ्वी व इसकी जनसंख्या नाभिकीय युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है । अधिकांश जानवर अत्यधिक विकिरण विषाक्तता के कारण या तो संकटापन्न हो गये हैं या विलुप्त! पशु का मालिक होना प्रतिष्ठा का चिह्न माना जाता है और इसमें भी मनुष्य उनके प्रति जो भावनाएँ रखते हैं उनपर ज्यादा जोर दिया जाता है।
डेकार्ड का, "रिटायर होते हुए" छः नेक्सस-6 मॉडल के एन्ड्रॉइडों से सामना होता है, जो नवीनतम व सबसे उन्नत मॉडल है। इसके कारण यह उपन्यास इस विषय का भी अन्वेषण करता है कि मनुष्य होना क्या है। मनुष्यों से भिन्न, एन्ड्रॉइडों के पास परदुःखकातरता नहीं होती है। साररूप में, डेकार्ड इस बात का अन्वेषण करता है, कि मनुष्य को परिभाषित करने वाले गुण क्या हैं, जो कि मनुष्य को एन्ड्रॉइडों से अलग करते हैं।

First Published

1968

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sofiia

Sofiia

poor goat(

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mandavi

Mandavi

Angenehm dystopische Story, aber in der Tat stellenweise etwas unverständlich. Inhaltlich weicht der Film ziemlich ab, insofern hat es nicht geschadet, die Filme bereits zu kennen.

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esther.wieringa

Esther.wieringa

Better than the movie, but still does not live upto the potential of the idea.

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skunk

Skunk

Nette Grundidee, dann leider zu naiv und teilweise unverständlich.

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